हमारा इतिहास

माननीय संस्थापक श्रीमती मनोरमा जोशी ने 01 मई 1985 में SEWA (स्व-नियोजित महिला संघ) M.P की स्थापना की थी।  सेवा ट्रेड यूनियन के तहत पंजीकृत है। शुरुआत में 200 कामकाजी महिलाओं ने सेवा की स्थापना की और शुरुआत से ही असंगठित क्षेत्र की स्वरोजगार करने वाली महिलाओं को हक दिलाने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का काम कर रही है. यह एक संघ है और आज 6 लाख 45 हजार से ज्यादा महिलाएं जुड़ चुकी हैं। सेवा एम.पी. मप्र के 14 जिलों में कार्यरत है।

सेवा संघ ने महिलाओं की समस्या के समाधान के लिए कड़ी मेहनत की और इसके परिणामस्वरूप उनकी बचत के लिए “महिला बचत कोष” की स्थापना की गई। शुरुआत में केवल पांच महिलाएं बचत कोष में 50-50 रुपये जमा करती हैं। असंगठित क्षेत्र की स्वरोजगार वाली महिलाओं ने एक साथ आकर 1989 में स्वरोजगार महिला सखा सहकारी मर्यादित की नींव रखी और 03 अप्रैल 1986 से नियमित बचत और ऋण खाते शुरू किए। महिलाओं को शेयर पूंजी के रूप में 500 रुपये और प्रवेश शुल्क के 50 रुपये जमा किए गए थे।

सहकारिता ने वर्ष 2000 में महू ब्लॉक में अपना काम शुरू किया और वर्ष 2002 में सहकारी अधिनियम के तहत पंजीकृत भी हुई।

राज्य में केवल महिला आधारित सबसे बड़ी सहकारी समिति है जहां असंगठित क्षेत्र की सभी कामकाजी महिलाएं सहकारी आंदोलन से जुड़ी हैं।

सोसायटी क्या करती है

समाज कामकाजी महिलाओं को संगठित करता है और उन्हें छोटे सूक्ष्म वित्त प्रदान करके उनके आर्थिक विकास में मदद करता है। साहूकार से कर्ज लेने पर उनका शोषण होता है। वे आपसे दुगुना ब्याज देते हैं जिसके परिणामस्वरूप आपकी स्थिति गरीब से गरीब होती जा रही है और आप कभी भी इस स्थिति से नहीं उठे हैं। समाज उन्हें ऋण कम करने में मदद करेगा और उनके आर्थिक विकास के लिए बचत और सूक्ष्म वित्त के लिए प्रोत्साहित करेगा।

लक्ष्य और उद्देश्य

“असंगठित क्षेत्र की महिलाओं की आर्थिक स्थिति का उत्थान एवं उन्हें देश की मुख्य धारा से जोड़ना।”

  • असंगठित क्षेत्र की महिलाओं को बचत के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें इसके लिए अभ्यस्त बनाना।
  • उन्हें कम ब्याज दर पर सूक्ष्म वित्त प्रदान करें।
  • कामकाजी महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए काम करें और उनके स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता में सुधार करें।
  • वित्तीय साक्षरता अभियान के माध्यम से उनकी वित्तीय साक्षरता समझ में सुधार करना।